हाजी अली की दरगाह by vastuankkit
हाजी अली की दरगाह मुंबई के वरली तट के निकट स्थित एक छोटे से टापू पर स्थित एक मस्जिद एवं दरगाह हैं। इसे सय्यद पीर हाजी अली शाह बुखारी की स्मृति में सन १४३१ में बनाया गया था। यह दरगाह मुस्लिम एवं हिन्दू दोनों समुदायों के लिए विशेष धार्मिक महत्व रखती है। यह मुंबई का महत्वपूर्ण धार्मिक एवं पर्यटन स्थल भी है।
दरगाह को सन १४३१ में सूफी संत सय्यद पीर हाजी अली शाह बुखारी की स्मृति में बनाया गया था। हाजी अली ट्रस्ट के अनुसार हाजी अली उज़्बेकिस्तान के बुखारा प्रान्त से सारी दुनिया का भ्रमण करते हुए भारत पहुँचे थे।
मुंबई की हाजी अली दरगाह के बारे में ये नहीं जानते होंगे आप by vastuankkit 8789364798
मुंबई में हाजी अली दरगाह के गर्भग्रह में महिलाओं के प्रवेश की इजाजत को लेकर भूमाता ब्रिगेड की प्रमुख तृप्ति देसाई और हाजी अली ट्रस्ट के लोगों के बीच विवाद खड़ा हो गया है. दरगाह मैनेजमेट का कहना है कि शरिया कानून के मुताबिक महिलाओं का कब्रों पर जाना गैर इस्लामी है.
Vastuankkit 8789364798मुंबई में हाजी अली दरगाह में महिलाओं के प्रवेश की इजाजत को लेकर भूमाता ब्रिगेड की प्रमुख तृप्ति देसाई और हाजी अली ट्रस्ट के लोगों के बीच विवाद खड़ा हो गया है. दरगाह मैनेजमेट का कहना है कि शरिया कानून के मुताबिक महिलाओं का कब्रों पर जाना गैर इस्लामी है. हालांकि साल 2011 तक महिलाएं हाजी अली दरगाह में प्रवेश करती रहीं हैं लेकिन 2011 के बाद से दरगाह में महिलाओं के प्रवेश पर रोक लगा दी गई थी. जिस हाजी अली दरगाह पर प्रवेश को लेकर विवाद हो रहा है जानिए उसके बारे में 12 खास बातें.
1. हाजी अली की दरगाह मुंबई के वर्ली तट के निकट स्थित एक छोटे से टापू पर स्थित एक मस्जिद और दरगाह है. इसे सैय्यद पीर हाजी अली शाह बुखारी की याद में सन 1431 में बनाया गया था.
2. यह दरगाह मुस्लिम और हिन्दू समुदायों के लिए विशेष धार्मिक महत्व रखती है. यह मुंबई का महत्वपूर्ण धार्मिक और पर्यटन स्थल भी है.
3. हाजी अली ट्रस्ट के अनुसार हाजी अली उज़्बेकिस्तान के बुखारा प्रान्त से सारी दुनिया का भ्रमण करते हुए भारत पहुंचे थे.
4. हाजी अली की दरगाह वर्ली की खाड़ी में स्थित है. यह दरगाह सड़क से लगभग 400 मीटर की दूरी पर एक छोटे से टापू पर बनाई गई है.
5. हाजी अली की दरगाह पर जाने के लिए मुख्य सड़क से एक पुल बना हुआ है. इस पुल की ऊंचाई काफी कम है और इसके दोनों ओर समुद्र है.
6.दरगाह तक सिर्फ लो टाइड के समय ही जाया जा सकता है. बाकी समय में यह पुल पानी के नीचे डूबा रहता है.
7. दरगाह टापू के 4500 वर्ग मीटर के क्षेत्र में फैली हुई है. दरगाह और मस्जिद की बाहरी दीवारें सफेद रंग से रंगी हैं.
8. इस दरगाह की पहचान है 85 फीट ऊंची मीनार.
9. मस्जिद के अंदर पीर हाजी अली की मजार है जिसे लाल एवं हरी चादर से सजाया गया है.
10. मजार के चारों तरफ चांदी के डंडोे से बना एक दायरा है.
11. मुख्य कक्ष में संगमरमर से बने कई स्तम्भ हैं जिनके ऊपर रंगीन कांच पर कलाकारी की गई है और अल्लाह के 99 नाम भी उकेरे गए हैं.
12. ऐसा कहा जाता है कि हाजी अली बहुत समृद्ध परिवार से थे लेकिन उन्होंने मक्का की यात्रा के दौरान अपनी पूरी दौलत नेक कामों के लिए दान कर दी थी. उसी यात्रा के दौरान उनका देहांत हो गया था. ऐसी मान्यता है कि कि उनका शरीर एक ताबूत में था और वह समुद्र में बहते हुए वापस मुंबई आ गया. यहीं उनकी दरगाह बनवाई गई.
मुंबई में हाजी अली दरगाह में महिलाओं के प्रवेश की इजाजत को लेकर भूमाता ब्रिगेड की प्रमुख तृप्ति देसाई और हाजी अली ट्रस्ट के लोगों के बीच विवाद खड़ा हो गया है. दरगाह मैनेजमेट का कहना है कि शरिया कानून के मुताबिक महिलाओं का कब्रों पर जाना गैर इस्लामी है. हालांकि साल 2011 तक महिलाएं हाजी अली दरगाह में प्रवेश करती रहीं हैं लेकिन 2011 के बाद से दरगाह में महिलाओं के प्रवेश पर रोक लगा दी गई थी. जिस हाजी अली दरगाह पर प्रवेश को लेकर विवाद हो रहा है जानिए उसके बारे में 12 खास बातें.
1. हाजी अली की दरगाह मुंबई के वर्ली तट के निकट स्थित एक छोटे से टापू पर स्थित एक मस्जिद और दरगाह है. इसे सैय्यद पीर हाजी अली शाह बुखारी की याद में सन 1431 में बनाया गया था.
2. यह दरगाह मुस्लिम और हिन्दू समुदायों के लिए विशेष धार्मिक महत्व रखती है. यह मुंबई का महत्वपूर्ण धार्मिक और पर्यटन स्थल भी है.
3. हाजी अली ट्रस्ट के अनुसार हाजी अली उज़्बेकिस्तान के बुखारा प्रान्त से सारी दुनिया का भ्रमण करते हुए भारत पहुंचे थे.
4. हाजी अली की दरगाह वर्ली की खाड़ी में स्थित है. यह दरगाह सड़क से लगभग 400 मीटर की दूरी पर एक छोटे से टापू पर बनाई गई है.
5. हाजी अली की दरगाह पर जाने के लिए मुख्य सड़क से एक पुल बना हुआ है. इस पुल की ऊंचाई काफी कम है और इसके दोनों ओर समुद्र है.
6.दरगाह तक सिर्फ लो टाइड के समय ही जाया जा सकता है. बाकी समय में यह पुल पानी के नीचे डूबा रहता है.
7. दरगाह टापू के 4500 वर्ग मीटर के क्षेत्र में फैली हुई है. दरगाह और मस्जिद की बाहरी दीवारें सफेद रंग से रंगी हैं.
8. इस दरगाह की पहचान है 85 फीट ऊंची मीनार.
9. मस्जिद के अंदर पीर हाजी अली की मजार है जिसे लाल एवं हरी चादर से सजाया गया है.
10. मजार के चारों तरफ चांदी के डंडोे से बना एक दायरा है.
11. मुख्य कक्ष में संगमरमर से बने कई स्तम्भ हैं जिनके ऊपर रंगीन कांच पर कलाकारी की गई है और अल्लाह के 99 नाम भी उकेरे गए हैं.
12. ऐसा कहा जाता है कि हाजी अली बहुत समृद्ध परिवार से थे लेकिन उन्होंने मक्का की यात्रा के दौरान अपनी पूरी दौलत नेक कामों के लिए दान कर दी थी. उसी यात्रा के दौरान उनका देहांत हो गया था. ऐसी मान्यता है कि कि उनका शरीर एक ताबूत में था और वह समुद्र में बहते हुए वापस मुंबई आ गया. यहीं उनकी दरगाह बनवाई गई.
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