कियू होता है अनुष्ठान विफल जाने वास्तु Ankkitt के साथ 8789364798
प्रायः लोग आत्म कल्याणार्थ ब्राह्मणों को बुलाकर तरह तरह के अनुष्ठान कराते हैं किन्तु अनुष्ठान निष्फल हो जाते हैं और है अनुष्ठान विफल जाने वास्तु Ankkitt के साथ .
लोगों का भरोसा शास्त्रो और ब्राह्मणों पर से उठ जाता है! क्यों?
*क्योंकि कर्मकांडी ब्राह्मणों में अधिकतर ब्राह्मण यजमान को या तो अनुष्ठान की पूरी जानकारी नहीं देते या उन्हें केवल
अनुष्ठान की विधि की जानकारी होती है, उससे जुड़े नियम,निषेध और सावधानियों की जानकारी नहीं होतीं । इसलिए मैं यथाशक्ति प्रयास कर अनुष्ठानों से जुड़े नियम निषेध एवं सावधानियों की चर्चा करने का प्रयास कर रहा हूं! यदि कुछ छूट जाए तो विद्वदजन उसे जनकल्याण हेतु बता दें और मुझसे यदि कोई त्रुटि रह जाए तो मुझे क्षमा करें ......
*अर्थ हीना च कर्तारम! मंत्र हीना तु ऋत्विजम! श्रियम लक्षण हीना च नाशयंति समो रिपु:।।
अर्थात दक्षिणारहित अनुष्ठान कर्त्ता अर्थात यजमान का! मंत्ररहित अनुष्ठान ऋत्विज अर्थात आचार्य का! और लक्षणरहित अनुष्ठान दोनों की श्री का नाश कर देता है ।
प्रायः पुरोहित गण अपने यजमान को संतुष्ट करने के लिए पूजन सामग्री एवं अनुष्ठान के अन्य अंगों में यजमान का धन खर्च न हो इसलिए उसमें कमी कर उसके स्थान पर अक्षत से काम चला लेते हैं! इसीलिए न यजमान का कल्याण होता है न आचार्य को सफलता मिलती है । वास्तु Ankkitt 8789364798
क्रमशः..........
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