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Showing posts from October, 2020

श्री हनुमान मंत्र (जंजीरा) vastuankit 8789364798

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vastuankit 8789364798 हनुमान को हिन्दु धर्म में विघ्नहर्ता और संकठमोचक बताया गया है. श्री राम भक्त हनुमान की महिमा देश में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी प्रचलित है. यूं तो हनुमान जी का नाम लेने भर से डर और भय का निवारण हो जाता है लेकिन फिर भी अति संकठ आने पर “ हनुमान चालिसा”  सबसे प्रभावशाली मंत्र माना जाता है.vastuankit 8789364798 आस्था के इस भगवान को पवनपुत्र और राम भक्त जैसे नामों से भी जाना जाता है. हनुमान चालिसा के अतिरिक्त भगवान हनुमान की अराधना करने के लिए हनुमान बाण और हनुमान जी की आरती भी हैं. लेकिन एक मंत्र ऐसा भी है जो डर और भय को मात्र एक माला के जाप मॆं ही छूमंतर कर देता है. “हनुमान जंजीरा” नामक यह मंत्र आसान और बेहद कारगर है. इस मंत्र की प्रतिदिन एक माला जप करने से मंत्र सिद्ध हो जाता है। हनुमान मंदिर में जाकर साधक अगरबत्ती जलाएँ। इक्कीसवें दिन उसी मंदिर में एक नारियल व लाल कपड़े की एक ध्वजा चढ़ाएँ। जप के बीच होने वाले अलौकिक चमत्कारों का अनुभव करके घबराना नहीं चाहिए। यह मंत्र भूत-प्रेत, डाकिनी-शाकिनी, नजर, टपकार व शरीर की रक्षा के लिए अत्यंत सफल है। vastuankit 8789364...

बजरंगबली कैसे बने पंचमुखी हनुमान...पढ़ें पौराणिक कथा vastuankit 8789364798

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  बजरंगबली कैसे बने पंचमुखी हनुमान...पढ़ें पौराणिक कथा vastuankit 8789364798 जानें  पंचमुखी हनुमान  की पौराणिक कथा     जब राम और रावण की सेना के मध्य भयंकर युद्ध चल रहा था और रावण अपने पराजय के समीप था तब इस समस्या से उबरने के लिए उसने अपने मायावी भाई अहिरावन को याद किया जो मां भवानी का परम भक्त होने के साथ साथ तंत्र मंत्र का का बड़ा ज्ञाता था। उसने अपने माया के दम पर भगवान राम की सारी सेना को निद्रा में डाल दिया तथा राम एव लक्ष्मण का अपरहण कर उनकी देने उन्हें पाताल लोक ले गया।   कुछ घंटे बाद जब माया का प्रभाव कम हुआ तब विभिषण ने यह पहचान लिया कि यह कार्य अहिरावन का है और उसने हनुमानजी को श्री राम और लक्ष्मण सहायता करने के लिए पाताल लोक जाने को कहा। पाताल लोक के द्वार पर उन्हें उनका पुत्र मकरध्वज मिला और युद्ध में उसे हराने के बाद बंधक श्री राम और लक्ष्मण से मिले।   ( कैसे हनुमान जी ने राम-लक्ष्मण को मुक्त किया... और क्यों धरा पंचमुखी रूप  )  वहां पांच दीपक उन्हें पांच जगह पर पांच दिशाओं में मिले जिसे अहिरावण ने मां भवानी के लिए जला...

दीवाली पर मां लक्ष्मी, सरस्वती एवं गणेशजी की पूजा की जाती है vastu ankit 9789364798

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दीवाली पर मां लक्ष्मी, सरस्वती एवं गणेशजी की पूजा की जाती है vastu ankit 9789364798   दीवाली पर मां लक्ष्मी , सरस्वती एवं गणेर उनसे सुख शजी की विशेष पूजा विधी से अर्चना क -समृद्धि, बुद्धि तथाa घर में शांति, तरक्की का वरदान मांगा जाता है दीवाली  पर  मां लक्ष्मी, सरस्वती एवं गणेशजी की पूजा  की जाती है  vastu ankit 9789364798 । इन दिन इन तीनों देवी-देवताओं की विशेष पूजा-अर्चना कर उनसे सुख-समृद्धि, बुद्धि तथा घर में शांति, तरक्की का वरदान मांगा जाता है। दीवाली पर देवी-देवताओं की पूजा में कुछ विशेष बातों का ध्यान रखा जाता है जो निम्न प्रकार हैं- दीवाली पूजा हेतु पूजन सामग्री  vastu ankit 9789364798 दीवाली पूजा के सामान की लगभग सभी चीजें घर में ही मिल जाती हैं। कुछ अतिरिक्त चीजों को बाहर से लाया जा सकता है। ये वस्तुएं हैं- लक्ष्मी, सरस्वती व गणेश जी का चित्र या प्रतिमा, रोली, कुमकुम, चावल, पान, सुपारी, लौंग, इलायची, धूप, कपूर, अगरबत्तियां, मिट्टी तथा तांबे के दीपक, रुई, कलावा (मौलि), नारियल, शहद, दही, गंगाजल, गुड़, धनिया, फल, फूल, जौ, गेहूँ, दूर्वा, चंदन, सिंदूर,...

एकादशी पर करें ये छोटे उपाय, दूर होगी परेशानी, मिलेगी खुशी

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एकादशी पर करें ये छोटे उपाय, दूर होगी परेशानी, मिलेगी खुशी vastuankit 8789364798 आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की ग्याहरवीं तिथि को पापांकुशा एकादशी (Papankusha Ekadashi) का व्रत रखा जाता है. इस बार 27 अक्टूबर को पापांकुशा एकादशी का व्रत रखा जाएगा. एकादशी तिथि पर वास्तु (Vastu Shastra) के अनुसार कुछ खास उपायों से परेशानी दूर करके सफलता प्राप्त की जा सकती है. हिंदू धर्म में एकादशी का विशेष महत्व होता है. हर माह में कृष्ण और शुक्ल दो पक्ष होते हैं, दोनों पक्षों की ग्याहरवीं तिथि को एकादशी कहते हैं. इस तरह से हर महीने दो यानी साल में 24 एकादशी आती हैं. प्रति माह दो एकादशी का व्रत रखा जाता है. एकदशी व्रत में भगवान विष्णु की विशेष आराधना और पूजा की जाती है. आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की ग्याहरवीं तिथि को पापांकुशा एकादशी (Papankusha Ekadashi) का व्रत रखा जाता है. इस बार 27 अक्टूबर यानी मंगलवार को पापांकुशा एकादशी का व्रत रखा जाएगा. इस एकादशी पर भगवान पद्मनाभ की पूजा की जाती है. एकादशी तिथि पर वास्तु (Vastu Shastra) के अनुसार कुछ खास उपायों से परेशानी दूर करके सफलता प्राप्त की जा सकती है. आइए जानते...

ग्रह धातु और रोग vastuankit 8789364798

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  श्री हरि जय सिया राम,  vastuankit 8789364798 ग्रह धातु और रोग ,                           वैदिक ज्योतिष में ग्रह धातु और रोग की बात करे तो हमे अगर इन चीजो की सही जानकारी हो तो हम कुंडली से रोग का निर्णय सही सही लगा सकते हैं तो आज  ग्रहो की धातु और रोग की बात करते हैं  सूर्य = अग्नि का रूप हैं तो अग्नि सम्बदि रोग देता हैं और कारक पुरुष में सिंह राशि पेट की कारक हैं तो सिंह का स्वामी सूर्य हैं तो पेट के रोग , सूर्य की धातु पित प्रधान हैं तो पित्त के रोग देगा जैसे , पेट में जलन , पाँचन विकृति , यकृत विकार आदि ,  चन्द्रमा = चन्द्रमा जलीय ग्रह हैं और यह कफ और वात का प्रतिनिधि त्वब करता हैं तो यह रोग देगा तो जलीय ही होंगे , जलोदर, फेफड़ो में जल होना, मष्तिक के रोग, कर्क राशि कारक पुरुष के छाती की कारक हैं तो छाती के रोग , कफ , खासी, दमा, आदि रोग देगा ,  मंगल = मंगल भी अग्नि का प्रतिनिधि करता हैं और साथ साथ शस्त्र का भी , तो यह रोग देगा तो , हथियार से चोट , ज्वर , कटना, फटना, जलना, यह रक्त का भी प्र...

क्यों लगाते है छप्पन भोग? vastuankit 8789364798

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  क्यों लगाते है छप्पन भोग? vastuankit 8789364798 vastuankit 8789364798 क्या है भगवान श्रीकृष्ण को 56 भोग चढ़ाने की पौराणिक कथा व लाभ भगवान को लगाए जाने वाले भोग की बड़ी महिमा है. इनके लिए 56 प्रकार के व्यंजन परोसे जाते हैं जिसे छप्पन भोग कहा जाता है..।यह भोग रसगुल्ले से शुरू होकर दही, चावल, पूरी, पापड़ आदि से होते हुए इलायची पर जाकर खत्म होता है..। अष्ट पहर भोजन करने वाले बाल कृष्ण - भगवान को अर्पित किए जाने वाले छप्पन भोग के पीछे कई रोचक कथाएं हैं..।ऐसा भी कहा जाता है कि यशोदा जी बाल कृष्ण को एक दिन में अष्ट पहर भोजन कराती थी, अर्थात बाल कृष्ण आठ बार भोजन करते थे..। जब इंद्र के प्रकोप से सारे व्रज को बचाने के लिए भगवान श्री कृष्‍ण ने गोवर्धन पर्वत को उठाया था, तब लगातार सात दिन तक भगवान ने अन्न जल ग्रहण नहीं किया..। आठवे दिन जब भगवान ने देखा कि अब इंद्र की वर्षा बंद हो गई है सभी व्रजवासियो को गोवर्धन पर्वत से बाहर निकल जाने को कहा, तब दिन में आठ प्रहर भोजन करने वाले व्रज के नंदलाल कन्हैया का लगातार सात दिन तक भूखा रहना उनके व्रज वासियों और मईया यशोदा के लिए बड़ा कष्टप्रद हुआ..।...

Septic Tank Vastu (It’s Correct Location & Ill-Effects of Incorrectly Located One) VASTU ANKKIT 8789364798

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  Septic Tank Vastu (It’s Correct Location & Ill-Effects of  Incorrectly Located One) VASTU ANKKIT 8789364798 VASTU ANKKIT 8789364798 Septic tank vastu  is crucial and here’s why: A septic tank is the area of the house where all the waste (whether human or from kitchen etc.) gets collected before it’s flushed out of the house. This implicitly means that a septic tank  holds negativity  in it for slight (or even prolonged) periods of time. Furthermore, if the tank is located incorrectly, then this negativity will – and it will definitely –  interfere  with positivity of the house making its  residents suffer  a lot. Here’s a direction-wise list of ill-effects that a wrongly located septic tank may cause Ill-effects of Septic Tank (When Located in Wrong Directions) S. No. Direction Effect 1 North Monetary loss 2 North-East (NE) Business Loss 3 East Fame Loss 4 South-East (SE) Wealth loss 5 South Loss of Wife 6 South-West (SW) Loss of Life 7...