आइये जानते है कौन सी धातु के बर्तन में भोजन करने से क्या क्या लाभ और हानि होती है VASTU ANKIT 8789364798
शनिवार के दिन *आइये जानते है कौन सी धातु के बर्तन में भोजन करने से क्या क्या लाभ और हानि होती है शनिदेव की पूजा करने से सभी कष्टों से मुक्ति मिलती है. साथ ही जिन लोगों पर साढ़ेसाती चल रही होती है वह भी सही हो जाता है. कहा जाता है कि शनिदोष से मुक्ति के लिए मूल नक्षत्रयुक्त शनिवार से आरंभ करके सात शनिवार तक शनिदेव की पूजा करने के साथ साथ व्रत रखने चाहिए. पूर्ण नियमानुसार पूजा और व्रत करने से शनिदेव की कृपा होती है और सारे दुख खत्म हो जाते हैं. शनिदेव के क्रोध से बचना बेहद जरूरी होता है नहीं तो मनुष्य पर कई तरह के दोष लग जाते हैं. इसके अलावा उनकी पूजा करते समय भी कई तरह की बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए. आइए जानते हैं कौन सी हैं वो बातें.-काले वस्त्रों और काली वस्तुओं का करें दान- ज्योतिष शास्त्र के VASTUANKIT 8789364798 अनुसार शनिदेव की पूजा करते समय कुछ नियमों को ध्यान में रखना बेहद जरूरी होता है. सबसे पहले व्रत के लिए शनिवार को सुबह उठकर स्नान करना चाहिए. उसके बाद हनुमान जी और शनिदेव की आराधना करते हुए तिल, लौंगयुक्त जल को पीपल के पेड़ पर चढ़ाना चाहिए. फिर शनिदेव की प्रतिमा के समीप बैठकर उनका ध्यान लगाते हुए मंत्रोच्चारण करना चाहिए. जब पूजा संपन्न हो जाए तो काले वस्त्रों और काली वस्तुओं को किसी गरीब को दान में देना चाहिए. इसके अलावा यह याद रखना भी जरूरी है कि अंतिम व्रत के दिन शनिदेव की पूजा के साथ-साथ हवन भी करना चाहिए.शनिदेव को लोहे का बर्तन है प्रिय- मान्यता है कि शनिदेव की पूजा में तांबे के बर्तनों का इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए, क्योंकि सूर्य और शनि पिता-पुत्र होते हुए भी एक-दूसरे के शत्रु माने जाते हैं और तांबा सूर्य का धातु है. याद रखें कि शनि की पूजा में लोहे के बर्तनों का ही इस्तेमाल करें. पूजा में दीपक भी लोहे या मिट्टी का ही जलाएं और लोहे के बर्तन में ही तेल भरें और शनिदेव को चढ़ाएं. इसके अलावा हर शनिवार को शनिदेव को काले तिल और काली उड़द भी चढ़ाएं.प्रत्येक शनिवार उन्हें काले तिल और खिचड़ी का भोग लगाना चाहिए।-लाल रंग से क्रोधित होते हैं शनि महाराज -शनिदेव की पूजा में काले या नीले रंग की वस्तुओं का इस्तेमाल करना शुभ माना जाता है. साथ ही शनिदेव को नीले फूल चढ़ाने चाहिए, मगर यह खास तौर पर याद रखें कि शनि की पूजा में लाल रंग का कुछ भी न चढ़ाएं. चाहे लाल कपड़े हों, लाल फल या फिर लाल फूल ही क्यों न हों. इसकी वजह यह है कि लाल रंग और इससे संबंधित चीजें मंगल ग्रह से संबंधित हैं. मंगल ग्रह को भी शनि का शत्रु माना जाता है.शनिदेव की है पश्चिम दिशा -शनि की पूजा करते समय या शनि मंत्रों का जाप करने वाले व्यक्ति का मुंह पश्चिम दिशा की ओर होना चाहिए. इसकी वजह यह है कि शनिदेव को पश्चिम दिशा का स्वामी माना गया है. शनिदेव की पूजा में यह बात भी ध्यान रखें कि पूजा करने वाला व्यक्ति अस्वच्छ अवस्था में न हो, यानी पूजा करते समय साफ-सफाई का पूरा ध्यान रखा जाना चाहिए. उनकी पूजा कभी गंदगी भरे माहौल या गंदे कपड़े पहनकर नहीं करना चाहिए।शनिवार के दिन छाया दान करें। इसके लिए सरसों के तेल से भरे पात्र में अपना चेहरा देखें। इसके बाद इस तेल को किसी शनि मंदिर में चढ़ा दें। शनिवार के दिन काले कुत्ते या काले रंग की गाय को रोटी अवश्य खिलाएं।ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक शनिवार की शाम को शमी के पेड़ के पास चौमुखी दीपक जलाने से भी शनि देव प्रसन्न होते हैं। इससे घर में खुशहाली आती है
Comments
Post a Comment