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पेंडुलम डाउजिंग : एक रहस्यमय विद्या का राज - अंकित आनंद

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हमारे अवचेतन मन में वह शक्ति होती है कि हम एक ही पल में इस ब्रह्मांड में कहीं भी मौजूद किसी भी तरंगों से संपर्क कर सकते हैं, सारा ब्रह्मांड तरंगों के माध्यम से एक-दूसरे से जुड़ा हुआ है। उन तरंगों के माध्यम से हम जो जानना चाहते हैं या हमारे जो भी सवाल होते हैं - जैसे जमीन के अंदर पानी खोजना या कोई खोई हुई चीजों को तलाशना उसे हम डाउजिंग कहते हैं। डाउजिंग किसी भी छुपी हुई बात को खोजने वाली विद्या है। इसके लिए हम पेंडुलम या डाउजिंग रॉड का उपयोग करते हैं। इसमें से कोई यंत्र को हाथों से पकड़ कर जब हम कोई सवाल करते हैं तो यह पेंडुलम अपने आप गति करने लगता है। जिसे हम निर्देश दे सकते हैं कि यदि जवाब सकारात्मक है तो सीधे हाथ की और गति करना है और जवाब यदि नकारात्मक है तो उलटे हाथ की और गति करना है। कुछ अलग तरह के प्रश्नों के लिए हम चार्ट का भी उपयोग कर सकते हैं। आप देखेंगे कि ये गति हम नहीं करते बल्कि हमारे हाथों में लगा यंत्र अपने आप अलग-अलग तरह से गति करने लगता है। जैसे ही हम यंत्र को हाथ में लेकर कोई सवाल करते हैं तो हमारा अवचेतन मन उन तरंगों को आकर्षित कर लेता है और उन्हीं तरंगों के माध्यम...

वास्तु शास्त्र:मत्स्य पुराण के अनुसार भगवान शिव के पसीने से हुई थी वास्तु पुरुष की उत्पत्ति वस्तुअंकित दीपांकर कुमार

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वास्तु शास्त्र:मत्स्य पुराण के अनुसार भगवान शिव के पसीने से हुई थी वास्तु पुरुष की उत्पत्ति

शनिदेव और रोजगार ,वास्तु अंकित 8789364798

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शनिदेव और रोजगार वास्तु अंकित 8789364798 〰️〰️🌸〰️🌸〰️〰️ शनि को सन्तुलन और न्याय का ग्रह माना गया है। जो लोग अनुचित बातों के द्वारा अपनी चलाने की कोशिश करते हैं, जो बात समाज के हित में नही होती है और उसको मान्यता देने की कोशिश करते है, अहम के कारण अपनी ही बात को सबसे आगे रखते हैं, अनुचित विषमता, अथवा अस्वभाविक समता को आश्रय देते हैं, शनि उनको ही पीडित करता है। शनि हमसे कुपित न हो, उससे पहले ही हमे समझ लेना चाहिये, कि हम कहीं अन्याय तो नही कर रहे हैं, या अनावश्यक विषमता का साथ तो नही दे रहे हैं। यह तपकारक ग्रह है, अर्थात तप करने से शरीर परिपक्व होता है, शनि का रंग गहरा नीला होता है, शनि ग्रह से निरंतर गहरे नीले रंग की किरणें पृथ्वी पर गिरती रहती हैं। शरी में इस ग्रह का स्थान उदर और जंघाओं में है। सूर्य पुत्र शनि दुख दायक, शूद्र वर्ण, तामस प्रकृति, वात प्रकृति प्रधान तथा भाग्य हीन नीरस वस्तुओं पर अधिकार रखता है। शनि सीमा ग्रह कहलाता है, क्योंकि जहां पर सूर्य की सीमा समाप्त होती है, वहीं से शनि की सीमा शुरु हो जाती है। जगत में सच्चे और झूठे का भेद समझना, शनि का विशेष गुण है। यह ग्रह कष्टका...

Vastu Tips for Wealth – Gain Money & Get Rich vastu ankit 8789364798

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21 How to find Vastu dosh so that shop start earning? HOME BLOG VASTU YANTRAS VASTU DOSH (DEFECTS) & REMEDIES 51 VASTU SHASTRA FAQS (WITH ANSWERS) 21 Vastu Tips for Wealth – Gain Money & Get Rich Share 319 Tweet Pin 5.3K Share 5.6KSHARES The whole sole aim of vastu tips for wealth is to keep lord Kuber happy and pleased at all times. Lord Kuber is the God of wealth and guess what will he do if he is happy and pleased with you? He will shower you with all the wealth and money that you ever desire!!! But the big question is, how to keep Lord Kuber happy? The answer is pretty simple, just follow vastu honestly to attract more money. These vastu guidelines for money facilitate the flow of wealth and prevent blocking of your well-deserved riches. UPDATE : vastu ankit 8789364798 Since we’re getting loads of requests, questions and queries on faster and easier ways to earn money, hence we’ve made updates and included vastu yantras to our website vastuankit just fo...

यज्ञ-पात्र (वास्तु अंकित 8789364798)

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यज्ञ-पात्र (वास्तु अंकित 8789364798) श्रौत-स्मार्त यज्ञों में विविध प्रयोजनों के लिये विभिन्न यज्ञ पात्रों की आवश्यकता होती है। जिस प्रकार कुँड मंडप आदि को विधि पूर्वक निर्धारित माप के अनुसार बनाया जाता है, उसी प्रकार इन यज्ञ पात्रों को निश्चित वृक्षों के काष्ठ से, निर्धारित माप एवं आकार का बनाया जाता है। विधि पूर्वक बने यज्ञ पात्रों का होना यज्ञ की सफलता के लिये आवश्यक है। नीचे कुछ यज्ञ पात्रों का परिचय दिया जा रहा है। इनका उपयोग विभिन्न यज्ञों में, विभिन्न शाखाओं एवं सूत्र-ग्रन्थों के आधार पर दिया जाता है। 1.अन्तर्धानकट:—वारण काष्ठ का आ ध अंगुल मोटा, बारह अंगुल का अर्थ चन्द्राकार पात्र। गार्हपत्य कुँड के ऊपर पत्नी संयाज के समय देव पत्नियों को आढ़ करने के लिए इसका उपयोग होता है। 2. पशु-रशना:—तीन मुख वाली बारह हाथ की पशु बाँधने की रस्सी। 3. मयूख:—गूलर का एक अँगुज मोटा, बारह अँगुल का वत्स-बन्धन के लिये शकु मयूख होता है। 4. वसा हवनी:—पाक भाण्ड स्थित स्नेह-वसा हवन करने का जूहू सदृश घाऊ का स्रुक। 5. वेद:—दर्शपूर्णमासादि में 50 कुशाओं से रचित वेणी सदृश कुशमुष्टि। 6. कर्पूर:—चातुर्मास्...

आखिर क्यों नुकसानदायक है "पूर्व दक्षिण पूर्व" दिशा (वास्तु अंकित 8789364798)

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Vastu Tips : आखिर क्यों नुकसानदायक है "पूर्व दक्षिण पूर्व" दिशा (वास्तु अंकित 8789364798) पूर्व दक्षिण पूर्व (ESE - East of South East ) यानी मंथन जोन (Churning) पूर्व और दक्षिण पूर्व दिशा के मध्य में पड़ता है। यहां बैठने या कार्य करने से चिंता, बेताबी या व्यग्रता बढ़ती है। जहां एक तरफ यहां पर नाम, विश्वसनीयता और सच का साथ मिलता है, वहीं इसके बिलकुल विपरीत झूठ और ईर्ष्या के गुण भी विकसित हो जाते हैं। किसी व्यक्ति की भोग विलास की प्रवृति भी यहां द्वार होने से पर बढ़ जाती है। निर्णय लेने की क्षमता का ह्रास होता है। विदित हो कि दिशाएं हमेशा घर या दफ्तर/ भवन के केंद्र से देखी  जाती है। इस दिशा जोन में अगर प्लाट बढ़ा हुआ हो या कटा हुआ हो तो बहुत व्यक्तिगत और आर्थिक हानि होने की सम्भावना रहती है। इसकी वजह से व्यक्ति ज़्यादा भावुक हो जाता है और ऐसी दशा में सही निर्णय लेने की क्षमता का ह्रास भी होता है। इस दिशा जोन में बने कमरों में दंपत्तियों को कतई नहीं सोना चाहिए वरना हर समय उनमें मतभेद होते रहेंगे तथा वाद-विवाद रहेंगे।   इस दिशा जोन का रंग हरा होता है तथा तत्त्व वायु। द्वार पूर्व 6 तथ...

अगर पूर्व की ओर है घर का मेन गेट तो अपनाएं ये वास्तु टिप्स श्री गणेशाय नम: (वास्तु अंकित 8789364798)

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अगर पूर्व की ओर है घर का मेन गेट तो अपनाएं ये वास्तु टिप्स लंबी और थकाऊ प्रक्रिया है, जिसमें वास्तु शास्त्र की भी अहम भूमिका है. हालांकि वास्तु शास्त्र के जानकार मानते हैं कि सभी दिशाएं अच्छी होती हैं और इस मामले में काफी भ्रम हैं. उदाहरण के तौर पर, दक्षिण और पश्चिम की ओर जो संपत्ति होती है, वह मालिकों के लिए कम शुभ मानी जाती है जबकि पूर्व की ओर जिस प्रॉपर्टी का मुंह होता है, वह उसमें रहने वालों के लिए भाग्यशाली होती है. कई बार लोग वास्तु शास्त्र के अनुकूल घर के लिए ज्यादा पैसे देने के लिए भी तैयार रहते हैं. लेकिन क्या यह इस लायक है? चलिए जानते हैं. पूर्व की ओर मुंह वाला घर क्या है? अगर आप घर के अंदर हैं और घर के मुख्य द्वार पर खड़े हैं और घर से निकलते वक्त जिस दिशा में आपका मुख है. अगर घर से निकलते वक्त आपका मुख पूर्व की ओर है तो आपका ईस्ट-फेसिंग हाउस है. क्या पूर्व की ओर मुंह वाले घर अच्छे होते हैं? ऐसा माना जाता है कि जो घर पूर्व दिशा की ओर होते हैं, वे भाग्यशाली होते हैं. जो घर पूर्व दिशा में बड़े और निचले स्तर पर होते हैं, वे ज्यादा सौभाग्यशाली होते हैं. ईस्ट-फेसिंग प्रॉपर्टी क...

श्री गणेशाय नम: (वास्तु अंकित 8789364798)

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 श्री गणेशाय नम: श्री साईनाथाय नम: 🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹 वास्तूशास्त्राविषयी  महत्वाचे कोणतीही वास्तु बांधतांना प्लॉट चौकोनी किंवा आयताकृती असावा. नमस्कार दोस्तो आज हम देंखेंगे की जब मंगल खराब होता है तो उसका क्या प्रभाव जिंदगी में आता है:-  1. अगर आप जल्दी जल्दी बोलते हैं और सामने वाला समझ ही नहीं पाता कि आपने क्या बोला। 2.आपकी हड्डियां ज्यादातर दर्द करती रहती हैं। 3.आपका रक्तचाप(BP) अक्सर बढ़ा हुआ रहता है और गुस्सा भी अधिक आता है। 4. आपकी अपने छोटे भाई/ साला से कम बनती है। 5.आपको अक्सर लोहे से चोट लगती रहती है। 6.आपको लाल रंग अधिक पसंद है   7.आपको तीखा खाना अधिक पसंद है और मल-मूत्र मार्ग में जलन रहती है। 8.आपके कंधे और बाजू में बेवजह दर्द रहता है। उपरोक्त में से कोई एक या अधिक लक्षण हमें पता चलता है कि हमारा मंगल खराब हो रहा है। मंगल को भी कर्क राशि में नीच का माना गया है, लेकिन सबसे अधिक खराब प्रभाव मंगल तुला राशि में देता है। अगर मंगल तुला राशि में है तो उपरोक्त लक्षणों की अधिकता देखी गई है। मंगल को मकर में  उच्च राशि का कहा गया है, अगर मंगल मकर का होकर 2,8,12...

शनि देव VASTU ANKIT 8789364798

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 श्री हरि जय सिया राम ,  शनि देव =                वैदिक ज्योतिष में शनि देव को पाप ग्रह बताया गया और यह सूर्य से बहुत दूर है और अंधकार प्रिय है इनके बारे में ज्यादा जो भी पड़ते है या ज्यादा बुरा ही सुनने को मिलता है इनके बारे में , और यह अंधकार  है सूर्य से दूर है तो मद गति ग्रह है यही सबसे ज्यादा समय तक एक राशि मे रहते है जब चन्द्र राशि मे यह आता है जब साढे साती लगती है जो प्रायः दुखदायक समय ही होता है और शनि देव अंधकार कोई वहां पे चमक दमक नही और यह भी अकेले सबसे दूर जो है सूर्य से ,तो जब यह हमारे मन का कारक चन्द्रमा है उसके साथ हो मन मे वैराग्य उतपन करता है भोग विलास की इच्छा रखने वाले को तो यह योग अच्छा नही लगता है पर जो आध्यात्मिक लोग है या आध्यात्मिक दृष्टि  से यह योग अच्छा है और यह अनुभव ही है कि जिनका चन्द्रमा शनि देव के साथ हो , उनका  वैराग्य हो जाता है और  भोग विलास में रुचि कम होती है वैसे तो भाग्य 9 भाव मे पाप ग्रह बुरा फल देते है मगर जब 9 भाव मे शनि और गुरु का युति या दृष्टि से सम्बद हो यह योग जातक को आध्या...

व्यापार व कारोबार में वृद्धि के टोटके VASTU ANKIT 8789364798

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 व्यापार व कारोबार में वृद्धि के टोटके यदि किसी के व्यापार में वृद्धि नहीं हो रही है और व्यापार व कारोबार में वृद्धि के उपाय टोटके प्राप्त करना चाहते हो तो व्यापार में उन्नति के टोटका/मंत्र का प्रयोग कर वृद्धि प्राप्त कर सकते है| अपने कारोबार में कभी-कभी काफी कोशिश करने पर भी सफलता मिलने में परेशानी होती है. आप देखते हैं कि आपका प्रयास तो सही है लेकिन इसके बावजूद आपको अपेक्षा के अनुरूप सफलता नही मिल पाती है. अगर आपको किसी भी कारण से आपको अपने व्यापार में कठिनाई आने लगे, तो आप शीघ्र ही व्यापार व कारोबार में वृद्धि के उपाय कर लाभ प्राप्त कर सकते हैं| व्यापार में परेशानी के व्यावारिक कठिनाइयों के साथ-साथ ज्योतिषिक परेशानी या दोष भी होता है. अगर किसी गृह का प्रभाव ग़लत हो या आपके घर, ऑफिस या दूकान में नकारात्मक ऊर्जा का प्रवेश हो जाए तो व्यापार और धंधे में हानि होने लगती है. यहाँ पर व्यापार में सफलता के उपाय दिए जा रहे हैं जो निश्चित ही आपको कारोबार में लाभ पहुचाएंगे| व्यापार व कारोबार में वृद्धि के उपाय टोटके आप गोमती चक्र के प्रयोग से व्यापार में उन्नति के लिए अचूक टोटका कर सकते हैं. ...

गायत्री मंत्र VASTU ANKIT 8789364798

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 देवी-देवता के गायत्री मंत्र  ।  'ऊं भूर्भुव: स्व:  तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि।  धियो यो न: प्रचोदयात्।। '  को अत्‍यंत प्रभावी मंत्रों में से एक माना गया है। इस का अर्थ होता है क‍ि 'सृष्टिकर्ता प्रकाशमान परामात्मा के तेज का हम ध्यान करते हैं, परमात्मा का वह तेज हमारी बुद्धि को सद्मार्ग की ओर चलने के लिए प्रेरित करें। संपूर्ण  गायत्री मंत्र  ॐ भूः ॐ भुवः ॐ स्वः ॐ महः, ॐ जनः ॐ तपः ॐ सत्यम्। ॐ तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो नः प्रचोदयात्। ॐ आपोज्योतीरसोऽमृतं, ब्रह्म भूर्भुवः स्वः ॐ। गायत्री मंत्र वेदों का एक महत्त्वपूर्ण मंत्र है जिसकी महत्वता ॐ के बराबर मानी जाती है। ऐसा माना जाता है कि इस मंत्र के उच्चारण और इसे समझने से ईश्वर की प्राप्ति होती है।  आर्ष मान्यता के अनुसार गायत्री एक ओर विराट् विश्व और दूसरी ओर मानव जीवन, एक ओर देवतत्व और दूसरी ओर भूततत्त्व, एक ओर मन और दूसरी ओर प्राण, एक ओर ज्ञान और दूसरी ओर कर्म के पारस्परिक संबंधों की पूरी व्याख्या कर देती है।  सभी देवी देवताओं को प्रसन्न करने के लिये उनके अलग-अलग...

बुध का महत्व VASTUANKIT 8789364798

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 💢🚩ज्योतिष शास्त्र के अनुसार 'बुध' ग्रह का जात​क के जीवन पर क्या प्रभाव पड़ता है?💢🚩   💥ज्योतिष में बुध का महत्व💥 ज्योतिष के अनुसार, बुध अन्य गुणों के साथ व्यक्ति की आवाज को नियंत्रित करता है। बुध एक शांत और रचना प्रकृति है। भगवान विष्णु बुध ग्रह पर शासन करते हैं। बुध की महा दशा की अवधि 17 वर्ष है। बुध अन्य ग्रहों के गुणों को अपनाता है और संबंधित परिणाम देता है। 💐बुध वायु तत्व पर शासन करता है। एक मजबूत बुध व्यक्ति को एक अच्छा रणनीतिकार बनाता है। ऐसा व्यक्ति आमतौर पर अच्छा व्यवहार करता है। बुध बुद्धि, शिक्षा, मित्र, व्यवसाय, पेशा, गणित, विज्ञान, ज्ञान, आवाज, प्रकाशन, शिक्षक, प्राध्यापक, व्याख्याता, फूल, लिखित संचार, भतीजा, मोती, हास्य, सहजता आदि से जुड़ा हो सकता है। ।💐 💐सूर्य और शुक्र बुध के अनुकूल हैं। चन्द्रमा बुध ग्रह का शत्रु है। बुध शनि, मंगल और बृहस्पति की ओर उदासीन है। बुध मिथुन और कन्या राशियों का स्वामी है। जब बुध कन्या राशि में होता है तो वह 15 से 20 डिग्री तक exalted होता है। मीन राशि में बुध debilitated होता है। बुध उत्तरी दिशा पर शासन करता है। इसके पसंदीदा ...

शनि गुरु का सम्बंध VASTU ANKIT 8789364798

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 #शनि_गुरु_का_सम्बंध_अर्थात_कर्म_प्रचारित_होना  #मुकदमेबाजी_में_फंसना_सजा_होना_जेल_जाना_और #मुदमेबाजी_में_बरी_होना_सजा_से_मुक्त_होना_जानिए_कैसे- जब भी जातक की कुंडली में लग्न कुंडली से शनि या गुरु की राशि में गोचर में शनि गुरु की युति हो जाए या शनि गुरु का दृष्टि सम्बन्ध बन जाए तो या शनि गुरु की राशि मे और गुरु शनि की राशि मे 1 अंश के अंतर पर आ जाए तो निश्चित है उस गोचरकाल मे जातक द्वारा किये गए कर्मो का खुलासा हो ही जाता है , फिर कर्म चाहे जैसे हो । अगर गुरु उत्तम है कुंडली में तो मार्ग सही मिलेगा और शनि प्रभावी है तो दण्ड प्रखर होगा। इसका कारण है गुरु धर्म - कर्म का स्वरूप है , और शनि न्याय है कर्म का कारक है जब शनि गुरु एक दूसरे से गोचर में मिलते है तो गुरु आचार्य का कार्य करते हुए गलतियों को सुधारने के लिए प्रेरित मार्ग उतपन्न करता है और शनि कर्मो का मूल्यांकन कर पूर्व कर्मो का दण्डविधान निश्चित करता है , ताकि जातक पश्चाताप कर पूर्व कर्मबन्ध से बाहर आ सके और पुनः सात्विक गुरु पद्धति को अपना सके, निश्चित है पश्चाताप तभी होगा जब कर्म जगजाहिर होंगे । किसी जातक की कुंडली मे शन...
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मंगलवार के उपाय vastu ankit 8789364798 : केवल इस एक काम को करने से दूर हो सकती है पैसों की समस्या ! हिन्दू धर्म के अनुसार मंगलवार के दिन को खासतौर से हनुमान जी का दिन माना जाता है। ऐसी मान्यता है कि मंगलवार के दिन विशेष रूप से हनुमान जी की पूजा आराधना करने से व्यक्ति विद्या, बुद्धि और बल के साथ ही धन की प्राप्ति भी कर सकता है। इसके साथ ही जीवन में आने वाले संकटों से भी छुटकारा पाया जा सकता है। आजकल के आधुनिक युग में पैसा हर व्यक्ति के जीवन यापन के लिए बेहद आवश्यक है। ईश्वर के बनाये इस संसार में सभी व्यक्ति एक समान नहीं हैं, किसी के पास बेशुमार धन है तो किसी के लिए एक वक़्त के खाने का जुगाड़ कर पाना भी मुश्किल हो जाता है। आज हम आपको मंगलवार के दिन किये जाने वाले कुछ ऐसे उपायों के बारे में बताने जा रहे हैं जिसे आज़माकर आप अपनी आर्थिक स्थिति को मजबूत बना सकते हैं। सभी नवग्रहों में सबसे क्रूर ग्रह माना जाता है मंगल आपको बता दें कि ज्योतिषशास्त्र के अनुसार सभी नवग्रहों में मंगल ग्रह को सबसे ज्यादा क्रूर ग्रह माना जाता है। जीवन पर इस ग्रह की बुरी दृष्टि पड़ने से व्यक्ति विभिन्न समस्याओं से ग्रस...
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(वास्तु अंकित 8789364798)

ketu and pisces VASTUANKIT 8789364798

ketu and pisces vastu ankit 8789364798 पाराशर् होरा शास्त्र के अनुसार केतु की ऊर्जा श्री हरी विष्णु के दिव्य् मत्स्य अवतार की अभिव्यक्ति है केतु electricity से भी connected है और मीन् राशि से भी जैसे सभी ग्रहो में केतु अंतिम है ठीक उसी तरह मीन राशि सभी राशियों में अंतिम है और दोनों जीवन के बाद अंत को दर्शाते है ,सभी कर्मो से मुक्ति और स्वतंत्रता को भी जैसे केतु सभी ग्रहो मे आध्यात्मिक है और detachments देता है वैसे ही सभी राशियों में मीन आध्यात्मिक राशि है और कोई भी ग्रह मीन् राशि में एक तरह के दुनियावी detachment को ही दर्शाता है l केतु हमारी intuitive powers को दर्शाता है ,हमारे दिमाग् मे गूज रही अवाजो और् logic के बद्ले अपनी भावनाओं को सुन पाने की क्षमता प्रदान करता है ,इसी लिए केतु एक headless planet है l मतस्य् अवतार की कथा में राजा सत्यव्रत और मछली के बीच संवाद है एक छोटी सी मछली विशालकाय् रूप धारण कर लेती है और राजा सत्यव्रत उलझन में पड़ जाते हैं और श्री हरी विष्णु जी की लीला को समझ जाते हैं व् खुद को समर्पण करके उनसे प्रार्थना करते है इस कथा में मछली ...